दुर्बल वर्ग जनजातियाँ (Weaker Section Tribes): Best definition

Tribes

जनजाति (tribes) क्या है जनजाति एक क्षेत्रीय समुदाय होता है| संवैधानिक शब्दावली में इसे अनुसूचित जनजाति कहते हैं| ये अपनी अधिकांश आवश्यकता की पूर्ति के लिए वनों पर निर्भर रहते हैं| इनका क्षेत्र नातेदारी तक सीमित होता है| यह समाज में सबसे अलग रहते हैं| अलगाव के कारण समाज की मुख्यधारा से कटे रहते हैं … Read more

आश्रम व्यवस्था (Ashram System): 4 types

Ashram System

Ashram system, शाब्दिक रूप से आश्रम शब्द श्रम धातु से बना है जिसका तात्पर्य परिश्रम करना है| समाजशास्त्रीय दृष्टि से देखें तो मार्क्स ने भी कहा है मानव ही श्रम है एवं श्रम ही मानव है|सर्वप्रथम जाबालि उपनिषद में चारों आश्रम की चर्चा की गयी है| आश्रम व्यवस्था में मानव जीवन साध्य होता है, एवं … Read more

संस्कार (Samskara)

Sanskar

संस्कार का तात्पर्य उन धार्मिक क्रिया कलापों से हैं जिसके द्वारा व्यक्ति शारीरिक, मानसिक रूप से विकसित होने के लिए कुछ करने को तैयार होता है एवं करता है| मनुस्मृति में कुल 13 प्रकार के संस्कारों की चर्चा है| हिंदू धर्म में कुल 16 (सोलह) संस्कार संपन्न किए जाते हैं| हिंदू धर्म के 16 (सोलह) … Read more

पुरुषार्थ (Purusharth)

पुरुषार्थ पुरुषार्थ लोगों को समाज में क्रिया करने का मार्गदर्शन करता है| मनुष्य का उद्देश्य संसार में सुखी जीवन व्यतीत करना है| यह सब तभी संभव है, जब उसकी इच्छा एवं आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके| पुरुषार्थ के प्रकार हिंदू शास्त्रों में चार प्रकार के पुरुषार्थ यथा – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की चर्चा … Read more

पुनर्जन्म का कारण एवं कर्म का सिद्धांत (Doctrine of Karma)

Karm ka siddhant

कर्म क्या है – Doctrine of Karma in Hindi; कर्म का तात्पर्य क्रिया या कार्य से है| कर्म सिद्धांत के अनुसार मनुष्य जो भी कार्य करता है उसे उसका फल अवश्य प्राप्त होता है| वह अपने जीवन में जो सुख या दुख भोगता है वह उसके कर्मो का ही फल है| व्यक्ति के कर्म ही … Read more

भारतीय समाज की संरचना : धर्म

धर्म भारतीय समाज की संरचना : धर्म; सामान्य अर्थों में अति प्राकृतिक शक्ति में विश्वास ही धर्म है| जिसे व्यक्ति पूजा, आराधना एवं कर्मकाण्डों  माध्यम से समर्पित करता है| किंतु यह धर्म के अंग्रेजी शब्द रिलिजन की परिभाषा है| भारतीय शास्त्रों में धर्म का तात्पर्य कर्तव्यों का पालन करना है, क्योंकि व्यक्ति अपने कर्तव्यों से विमुख … Read more

सामाजिक स्तरीकरण एवं विभेदीकरण
(Social Stratification and Differentiation)

सामाजिक स्तरीकरण सामाजिक स्तरीकरण व्यक्तियों का समूहों के आधार पर उच्चता एवं निम्नता के स्तर पर विभाजन है | सामाजिक स्तरीकरण में हम मुख्यतः असमानता (Inequality) का अध्ययन करते हैं | असमानता (भिन्नता) प्राकृतिक या जैविकीय (जैसे – जन्म से ही बच्चे में मानसिक विकार) भी हो सकती है सामाजिक भी | सामाजिक असमानता अगर … Read more

व्यक्ति और समाज (Individual and Society)

व्यक्ति और समाज के संबंध के विषय में मुख्यतः दो सिद्धांत दिए गए हैं| पहला -सामाजिक समझौते का सिद्धांत, जिसमें व्यक्ति को प्राथमिक एवं समाज को गौण माना गया है| दूसरा समाज का सावयवी सिद्धांत, जिसमें समाज को प्राथमिक एवं व्यक्ति को गौण माना गया है| अंत:क्रिया द्वारा व्यक्तियों के बीच जो संबंध पाये जाते … Read more

धर्म (Religion)

धर्म शब्द का प्रयोग अलौकिक शक्ति में विश्वास के लिए किया जाता है | इस विश्वास का प्रभाव मानवीय जीवन के व्यवहार पर भी पड़ता है जिसे मनुष्य पूजा, आराधना एवं विभिन्न कर्मकाण्डों के माध्यम से चालित करता है | विश्व में कोई भी समाज ऐसा नहीं है जिसमें धर्म या ईश्वर या किसी शक्ति … Read more

परिवार : परिभाषा, प्रकार, विशेषताएँ(Family: Definition, Types, Characteristics)

परिवार की परिभाषा (Definition of Family) परिवार एक छोटा सामाजिक समूह है, जिसके अंतर्गत पति-पत्नी एवं उनके बच्चे शामिल होते हैं | प्रत्येक मानव समाज में नवजात शिशु के लालन-पालन की आवश्यकता होती है यह लालन पालन माता-पिता द्वारा हो या अन्य द्वारा , इससे जुड़े कुछ नियम पाए जाते हैं जो परिवार को एक … Read more

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