उपकल्पना/परिकल्पना (hypothesis in Hindi)

उपकल्पना/परिकल्पना (hypothesis in Hindi)

उपकल्पना/परिकल्पना का अर्थ (meaning of hypothesis in Hindi) उपकल्पना अंग्रेजी के hypothesis का हिन्दी अनुवाद है| Hypothesis दो शब्दों से मिलकर बना है| Hypo+Thesis, hypo का अर्थ है प्रयोगात्मक या सत्यापित होने का विषय| जबकि thesis का अर्थ है- समस्या के समाधान का साक्ष्य| इस तरह hypothesis का हिन्दी अर्थ समस्या के समाधान का प्रयोगात्मक … Read more

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति (Case study Method in Hindi)| vaiyaktik adhyayan paddhati

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति (Case study Method in Hindi

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति (Case study Method) वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का तात्पर्य किसी इकाई का, जो व्यक्ति, संस्था, घटना कुछ भी हो सकता है, का समग्र अध्ययन है| यह पद्धति किसी इकाई के विशेष पहलु या सम्पूर्ण इकाई के सम्बन्ध में आंकड़ो का संकलन एवं विश्लेषण है| अपने दृष्टिकोण में वैयक्तिक अध्ययन मुख्यतः गुणात्मक पद्धति का … Read more

Sampling in Hindi: Types of sampling in Hindi (nidarshan ke prakar)

sampling in Hindi

प्रतिदर्शन (sampling) प्रतिदर्शन समग्र से कुछ इकाइयों या तत्वों को चुनने की एक निश्चित प्रक्रिया है| जिसका मुख्य उद्देश्य समग्र के बारे में निश्चित सूचना प्राप्त करना है| निदर्श या प्रतिदर्श समग्र का वह न्यूनतम भाग होता है जिसके अध्ययन से हम समग्र के बारे में समुचित जानकारी प्राप्त कर लेते हैं| (Questions- What is … Read more

Model Paper Sociology: Q. 51-75, Objective Type Q & A in Hindi

Sociology Model Paper, Objective Type Questions: Q. 51-75 in Hindi Q.51- निम्नलिखित में से कौन एक आदिम धर्म का लक्षण नहीं है? (A) निषेध (B) टोटमवाद (C) मंदिर (D) आत्मावाद Ans. (C) मंदिर, आदिम धर्म में प्राकृतिक संस्थानों की पूजा होती है , जैसे- पेड़, पहाड़, नदी आदि| मंदिर का अस्तित्व बाद में आया| Q.52-  … Read more

Model Paper-1: Sociology, Objective type questions in Hindi, Q. 1-50

sociology Q and A in Hindi

Model Paper- 1: Sociology (Objective type questions in Hindi), (Q. 1-50) Q.1- समाजशास्त्र किन दो भाषाओं से मिलकर बना है?(A) लैटिन एवं ग्रीक (B) लैटिन एवं फ्रांसीसी (C) ग्रीक एवं रूसी  (D) ग्रीक एवं फ्रांसीसीAns. (A) लैटिन एवं ग्रीक (Latin & Greek)व्याख्या – समाजशास्त्र दो शब्दों सोसियस (Socius) एवं लोगस (Logus) से मिलकर बना है जो … Read more

B.A. 1st year Model Paper 2022: Sociology

sociology model paper 2022

 B.A. 1st year Model Paper 2022: Sociology           नई शिक्षा नीति – 2020  (मेजर/माइनर )                 समाजशास्त्र Time: Three Hours /               / Maximum Marks: 75 Note: Attempt all Sections as per instruction. सभी खण्डों के उत्तर निर्देशानुसार दीजिए| Section-A / खण्ड-अ Note: All questions are compulsory. Give answer of each in about 50 words. … Read more

Motivational Quotes in Hindi

यह कोट्स व्यक्ति को कर्म करने की प्रेरणा देता है | व्यक्ति यदि भाग्य के भरोसे रहकर कार्य करना बंद कर देगा; तब उसे कोई सफलता नहीं मिल सकती |एक कहावत यह भी है कि यदि व्यक्ति किसी चीज को सिद्दत से चाहता है, तो पूरी कायनात उसे मिलवाने में लग जाती है | (1) … Read more

मोटिवेशनल कोट्स इन हिन्दी (motivational quotes Hindi)

motivational quotes in hindi

(1) रास्ते कभी बंद नहीं होते, अक्सर लोग ही हिम्मत हार जाते हैं (2) सफल व्यक्ति सामान्य ही होते हैं, लेकिन वे कार्य असामान्य तरीके से करते हैं| (3) केवल नौकरी पाने का उद्देश्य लेकर जीने वाला व्यक्ति नौकर ही बन सकता है , मालिक नहीं (4) धैर्यवान व्यक्ति असफलता में भी सफलता ढूढं लेता … Read more

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(1) मेरी माँ ने मुझसे कहा था “यदि तुम एक सैनिक हो तो सेनापति बनोगे, यदि तुम एक साधु हो तो पोप बनोगे, लेकिन मैं एक चित्रकार था और पिकासो बन गया|                        By – पाबलो पिकासो


उक्त कोट स्पेन के महान चित्रकार पाबलो पिकासो का है| सामान्यतः देखा जाता है कि कोई व्यक्ति जिस क्षेत्र में जाना चाहता है, उस क्षेत्र के सफल किसी व्यक्ति को रोल मॉडल के रूप में देखता है – जैसे क्रिकेटर बनने की इच्छा रखने वाले सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी आदि किसी को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं| एक्टर बनने का ख्वाब है तो अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान| एक्ट्रेस बनने का ख्वाब है तो ऐश्वर्य राय या माधुरी दीक्षित| साथ ही उनके कार्यों का अनुकरण करने का प्रयास किया जाता है| लेकिन पाबलो पिकासो ने नई मिशाल पेश की| अपने लगन एवं प्रयास से चित्रकारी में सफलतम व्यक्तियों में स्वयं शामिल हो गये, और लोग उन्हें रोल मॉडल के रूप में देखने लगे एवं उनका अनुकरण करने लगे| 

(2) कोई भी बड़ी उपलब्धि धीरे-धीरे हासिल होती है| 

By – Unknown


जब हम किसी कार्य को करते हैं तो हम उसका आउटपुट बहुत जल्द प्राप्त करने की आशा करते हैं| लेकिन सत्य तो यह है कि जितनी बड़ी आपकी उपलब्धि होगी उतना ही वक्त आपको सफल होने में लगेगा| उपलब्धि कौन सी बड़ी या छोटी है वह उस सोच पर निर्भर करता है जो सफलता प्राप्त करने या धन प्राप्त करने के समय से संबंधित है| इसे हम निम्न उदाहरण से समझ सकते हैं –


तत्काल पैसा किसे चाहिए – भिखारी को
एक दिन में पैसा किसे चाहिए – दिहाड़ी मजदूर को| 
एक महीने में पैसा किसे चाहिए – नौकरी करने वाले लोगों को 
1 साल में पैसा किसे चाहिए – दुकानदार को
 पांच साल में पैसा किसे चाहिए – बिजनेसमैन को

आपके पैसा प्राप्त करने की सोच पर भी यह निर्भर करता है कि आप क्या बनना चाहते हैं|

(3) जो मानवीय इतिहास में कभी सम्भव न हुआ हो, उसके लिए भी प्रयास से परहेज न करें, क्योंकि प्रत्येक अविष्कार पूर्णतः नवीन होता है|                                             

By – RS


बहुत से लोग मन में पहले से ही यह धारणा बना लेते हैं कि ऐसी सफलता तो किसी को मिली ही नहीं है, हमें कैसे मिल जाएगी? अगर यह बात राइट (Wright) बंधुओं ने सोची होती तो आज हवाई जहाज (Aeroplane) का निर्माण न हुआ होता| अगर यह बात किरण बेदी ने सोचा होता तो आज भारत की पहली महिला IPS होने का ताज किसी और के सिर पर होता| इसलिए व्यक्ति जब Regular एवं Punctual होकर लक्ष्य  की ओर बढता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है|

(4) कर्म बीज के समान है और भाग्य भूमि के समान|                                 

From – महाभारत


सामान्यतः यह सुनने में आ जाता है कि जो तकदीर या भाग्य में लिखा होगा वही मिलेगा और जितना लिखा होगा उतना ही मिलेगा| इस पर मेरा प्रश्न है कि यदि व्यक्ति बिल्कुल भी प्रयास न करें तो क्या उसे भाग से कुछ प्राप्त हो पाएगा| जैसे यदि एक बालक परीक्षा ही न दे तो निश्चय ही पास नहीं होगा| तो क्या उसके भाग्य में फेल होना लिखा था? पुनः यदि वह परीक्षा देकर पास हो जाता है तो क्या उसका भाग्य बदल गया? या उसके भाग्य में ही लिखा था कि वह एक बार फेल होगा फिर पास| इस तरह से तो जीवन के प्रत्येक घटना को भाग्य के रूप में निरूपित किया जा सकता है एवं व्यक्ति का कर्म पूरी तरह महत्त्वहीन साबित हो जाएगा| मैं यह नहीं कहता कि भाग्य नहीं होता| लेकिन इतना अवश्य है कि कर्म का महत्त्व भाग्य से अधिक है| किसी भी सफलता को प्राप्त करने में कर्म की भूमिका भाग्य से कहीं अधिक होती है|

महाभारत में युधिष्ठिर ने भीष्म से प्रश्न किया कि कर्म और भाग्य में कौन प्रधान है? इस पर भीष्म का जवाब था कि कर्म बीज के समान है और भाग्य भूमि के समान| जिस तरह बिना बीज के भूमि फसल नहीं दे सकती, उसी प्रकार बिना कर्म के भाग्य निष्फल रहता है| स्पष्ट है कि भाग्य में स्वयं शक्ति नहीं होती, कर्म से ही इसे शक्ति प्राप्त होती है| यदि व्यक्ति का कर्म बदल जाय तो भाग्य अपने आप बदल जाता है|


(5) असफलता भी हमें बहुत कुछ सिखा जाता है|                                                 

By – RS


जब प्रयास करने पर भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती, तो उसे लगता है कि जीवन में कुछ नहीं मिला एवं उसका सारा प्रयास शून्य हो गया| जबकि वह यह भूल जाता है कि इस असफलता में जिन चुनौतियों का सामना उसने किया है वह अनुभव उसे मिला है| यदि वह भविष्य में किसी भी क्षेत्र में प्रयास करता है तो वह चुनौतियों को पहले से ही दरकिनार करते हुए सफलता को अवश्य प्राप्त करेगा| उदाहरण के रूप में देखें तो अमिताभ बच्चन को कलकत्ता रेडियो ने इसलिए नौकरी देने से इंकार कर दिया कि उनकी आवाज मोटी थी| लेकिन उन्होंने स्वयं को सुधारते हुए अपना प्रयास जारी रखा और आज वे सफल ही नहीं बल्कि सदी के महानायक के रूप में स्थापित हैं|

अपराध के सिद्धांत

व्यक्ति अपराध क्यों करता है? इसके लिए अनेक दृष्टिकोण एवं सिद्धांतो का निर्माण हुआ है| इसे हम मुख्य रूप से तीन भागों में बाँट सकते हैं – (1) अपराध का शारीरिक या जैवकीय या प्रत्यक्षवादी सिद्धांत  (2) अपराध का मनोवैज्ञानिक सिद्धांत  (3) अपराध का समाजशास्त्रीय सिद्धांत  (1) अपराध का शारीरिक या जैवकीय या प्रत्यक्षवादी सिद्धांत … Read more

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