भारतीय संस्कृति : विविधता में एकता
(Indian Culture: Unity in Diversity)

विविधता में एकता (Unity in diversity) का तात्पर्य विभिन्न असमानता के बावजूद सभी का अस्तित्व बना हुआ है| संस्कृति का तात्पर्य समस्त विचार, मूल्य, परम्परा, विश्वास, ज्ञान एवं अन्य भौतिक तथा अभौतिक वस्तुएं संस्कृति का भाग होती है| भारत एक सांस्कृतिक विविधतापूर्ण देश है| यहाँ विभिन्न भौगोलिक क्षेत्र विभिन्न धर्म, जाति,भाषा, संस्कृतियाँ विद्यमान है फिर भी देश ने सबको एकता की सूत्र में बाद रखा है|भारतीय संस्कृति (Indian Culture) विशेषताएँ जो सभी को एकता के सूत्र मे बाँध रखी है, वे निम्न हैं –

भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ (characteristics of Indian Culture)

(1) भारत में धर्म का तात्पर्य न तो मजहब है और न ही अंग्रेजी का रिलिजन| यहाँ धर्म का तात्पर्य कर्तव्यों का पालन करना है|

(2) भारतीय चिंतन में अाध्यात्म एवं दर्शन प्रधान रहा है जैसे गाँधी एवं विनोबा भावे का सर्वोदय|

(3) भारतीय संस्कृति में लचीलापन है, कोई कठोर सांस्कृतिक नियम नहीं है| इसलिए यहाँ अन्य संस्कृतियाँ भी अपने अस्मिता के साथ अस्तित्व बनाए हुए हैं|

(4) भारतीय संस्कृति अपने पराए की भावना न रखकर मानव कल्याण की भावना से प्रेरित है|

(5) भारत के विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों में वाह्य विभिन्नता भले ही हो लेकिन सबके आदर्श कहीं न कहीं एक बिंदु पर समाहित होते हैं| मोक्ष, निर्वाण अथवा कैवल्य एक ही गंतव्य के पृथक-पृथक नाम हैं|

(6) नानक, तुलसी, बुद्ध, महावीर सभी के लिए पूजनीय हैं| ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, होमी जहाँगीर भाभा, बाबा रामदेव सभी के लिए आदरणीय हैं|

(7) मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, मजार आदि जगहों पर अखिल भारतीय एकता देखने को मिलती है|

(8) लाल किला, हवामहल, ताजमहल आदि सभी के लिए सराहनीय है|

(9) भारतीय संविधान की प्रस्तावना का प्रथम वाक्य ‘हम भारत के लोग’ हैं जो यह दर्शाता है कि व्यक्ति प्राथमिक हैं अन्य भावनाएँ गौण हैं|

आचार्य विनोबा भावे कि निम्न पंक्तियाँ भारत पर लागू होती है - सबको हाथ की पाँचों उँगलियों की तरह रहना चाहिए|

मुगल सम्राट अकबर ने दिन-ए-इलाही धर्म की स्थापना की थी| जहाँ सभी धर्मों के लोगों को विचार विमर्श की छूट थी|

राजनैतिक क्षेत्र में भी 17 पार्टियों को मिलाकर केंद्र में सरकार बनाना विविधता में एकता को चरितार्थ करता है|

महात्मा गांधी ने भी कभी कहा था जब तक हम एकता के सूत्र में बँधे हैं, तब तक मजबूत हैं और जब तक खंडित हैं तब तक कमजोर हैं|

भारतीय संस्कृति को धनी संस्कृति (Rich Culture) भी कहा जाता है क्योंकि यह लक्ष्य प्राप्त करने के एक से अधिक साधन उपलब्ध कराता है| भौतिकता से लेकर धर्म, संप्रदाय, भाषा आदि की विभिन्नता के रूप में इसे समझा जा सकता है|

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