जाति असमानता या विषमता (Caste Inequality)

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असमानता (Inequality)

व्यक्ति जब अपने लाभ हानि के आधार पर समूहों का मूल्यांकन करता है तो वह स्वाभाविक रूप से उच्चता एवं निम्नता में बँट जाता है| इसी उच्चता एवं निम्नता को असमानता कहते हैं, उदाहरण के लिए – लैंगिक असमानता, भारत में जाति असमानता|

असमानता प्राकृतिक अवधारणा न होकर एक सामाजिक अवधारणा है, जैसा कि आंद्रे बेंते (Andre Beteille) कहते हैं कि प्रकृति में कोई असमानता नहीं होती है प्रकृति में केवल भिन्नता होती है|

असमानता की विशेषताएँ (Characteristics of Inequality)

दो समूहों का आपस में उच्चता एवं निम्नता के आधार पर विभाजन असमानता कहलाता है| इसकी निम्न विशेषताएं हैं –

(1) यह उच्चता एवं निम्नता में विभाजन है|

(2) यह सामाजिक-सांस्कृतिक होता है|

(3) यह विशेषाधिकार एवं निर्योग्यताओं से जुड़ा हुआ है|

(4) इसमें एक वर्ग या समूह को दूसरे से सापेक्षिक रूप से निम्न समझा जाता है|

(5) यह सचेष्ट प्रयास का परिणाम होता है|

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जाति असमानता (Inequality of Caste)

जाति (पढ़ेंजाति क्या है )जन्मजात प्रस्थिति पर आधारित एक समूह है, जो अंत:विवाही होता है| इसमें प्रत्येक जाति सामाजिक संरचना में स्वयं को एक निश्चित स्थिति में पाती है| प्रत्येक जाति में अपने जाति के प्रति हम की भावना (We feeling) पायी जाती है| ये जातियाँ कुछ विचारधाराओं एवं कर्मकाण्ड से प्रेरित होती हैं|

प्रदत्त प्रस्थिति पर आधारित विशेषताओं के कारण जातियाँ उच्चता एवं निम्नता में बँटी होती हैं, जिसके कारण इनमें असमानता पायी जाती है|

जाति असमानता की विशेषताएं (Features of Caste Inequality)

(1) जाति की सदस्यता जन्मजात होती है|

(2) प्रत्येक जाति एक अंतःविवाही समूह होता है|

(3) जाति व्यवस्था समाज का खण्डात्मक विभाजन है|

(4) जाति व्यवस्था में खान-पान संबंधी प्रतिबंध पाए जाते हैं|

(6) जाति में जजमानी व्यवस्था पायी जाती है|

(7) प्रत्येक जाति का व्यवसाय जन्म से निर्धारित होता है|

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जाति असमानता के कारण

(1) एक जाति के सदस्य जाति के बाहर विवाह पर प्रतिबन्ध|

(2) प्रत्येक जाति में दूसरी जातियों के साथ खान-पान के संबंध में कुछ प्रतिबंध होते हैं|

(3) अधिकांश जातियों का पेेशा जन्म से निश्चित होता है|

(4) जातियों में ऊँच-नीच का एक संस्तरण पाया जाता है, जिसमें ब्राह्मणों की स्थिति सर्वमान्य रूप से शिखर पर होती है |

(5) व्यक्ति की जाति उसके जन्म के आधार पर ही आजीवन के लिए निश्चित हो जाती है |

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